BE PROUD TO BE AN INDIAN

रविवार, फ़रवरी 11, 2018

आज़ाद ख़्याली के जीवन दर्शन की बात करता यात्रा वृत्तांत { भाग - 3 }

पुस्तक – आज़ादी मेरा ब्रांड 
लेखिका - अनुराधा बेनीवाल 
प्रकाशन - सार्थक, राजकमल का उपक्रम
पृष्ठ - 204
मूल्य -  199 /-
*****
*****
यात्रा वृत्तांत मुख्य रूप से यात्रा के अनुभवों की अभिव्यक्ति ही होती है | अनुराधा यूरोप यात्रा के दौरान जिन देशों और शहरों में जाती हैं उनका न सिर्फ विस्तारपूर्वक वर्णन करती है, अपितु भारत के साथ, भारतीय संस्कृति के साथ तुलना करती है और अपने विचार भी रखती है, जिससे यह यात्रा वृत्तांत सिर्फ यात्रा वृत्तांत नहीं रह जाता अपितु लेखिका के जीवन दर्शन को ब्यान करता हुआ प्रतीत होता है | वैसे तो वह ख़ुद को लिव-इन की बड़ी सपोर्टर कहती है, लेकिन आज के प्यार को भी पसंद नहीं करती | पहले के प्यार की आज के प्यार से तुलना करते हुए वह लिखती है –
महीने में एक बार चिट्ठी लिखी, अपने दिल का हाल बताया और जरूरत की बात लिखी | ये थोड़े ही पूछते होंगे – बेबी डिनर में क्या खाया ?, बेबी, रात को अकेले मत जाना, बेबी, क्या पहना है ? फोटो भेजो |, इतना छोटा टॉप क्यों पहना है ! मैं नहीं हूँ तो किसे दिखाओगी ? और ये लो जी, अभी तो जान-पहचान हो ही रही थी कि हो गया ब्रेक-अप !

बुधवार, जनवरी 31, 2018

अपने आप में एक अनूठा संग्रह

कविता-संग्रह - पाँच लघु काव्य-संग्रह एक साथ 
कवि - पाँच कविगण 
प्रकाशक - राज पब्लिशिंग हॉउस 
पृष्ठ - 118 
कीमत - 175 /- ( सजिल्द )
सांझे संकलन में एक संपादक होता है, जो अन्य रचनाकारों से रचनाएँ एकत्र कर प्रकाशन-संपादन का दायित्व निभाता है, लेकिन " पाँच लघु काव्य-संग्रह एक साथ " एक ऐसा साँझा संग्रह है, जिसमें कोई संपादक नहीं, हालांकि भूमिका के आधार पर कहा जा सकता है कि इसमें संपादक की भूमिका रूप देवगुण जी ने निभाई होगी | उन्होंने इस संग्रह को सांझा-संग्रह कहने की बजाए पाँच लघु काव्य-संग्रह कहा है | प्रत्येक संग्रह में 12 से 15 कविताएँ हैं | प्रत्येक कविता-संग्रह का अलग नाम है और सभी कवियों ने अपने संग्रह के लिए आत्मकथ्य लिखा है | कवियों को उनकी उम्र के हिसाब से क्रम दिया गया है |

बुधवार, जनवरी 24, 2018

सरल-सहज भाषा की प्रभावशाली लघुकविताएँ

लघुकविता-संग्रह - चाँदनी रात में उड़ते बगुले 
कवि - रूप देवगुण 
प्रकाशक - सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल 
पृष्ठ - 80 
मूल्य - 250 /- ( सजिल्द )
आकार में क्षणिका से बड़ी और कविता से छोटी होती है लघुकविता  | लघुकविता साहित्य की नई विधा है और लघुकथा की तरह ही अपनी जगह बना रही है | प्रो. रूप देवगुण इस विधा के प्रमुख हस्ताक्षर हैं | उनकी सदी प्रकाशित कृति " चाँदनी रात में उड़ते बगुले " 120 लघुकविताओं का संग्रह है, जो 9 खंडों में विभक्त है |

बुधवार, जनवरी 17, 2018

गृहस्थी के दायित्वों के साथ कवि-कर्म का नमूना

कविता-संग्रह - मेरे शब्द शिशु 
कवयित्री - ममता शर्मा ' मनस्वी '
प्रकाशक - तस्वीर प्रकाशन, मंडी कालांवाली 
पृष्ठ - 112 
कीमत - 150 /- ( सजिल्द )
भले ही पुरुष और स्त्री जीवन के दो पहिए हैं, लेकिन गृहस्थी का दायित्व स्त्री को ही अधिक निभाना होता है | उसे अपना जीवन भी जीना होता है और पति, बच्चों, सास-ससुर की जिम्मेदारियां भी उठानी होती हैं | इन जिम्मदारियों को निभाते हुए कोई स्त्री कैसे कवि कर्म को करती है और कैसे उसका दायित्व उसकी कविताओं में झलकता है, इसका नमूना है ममता शर्मा ' मनस्वी ' का कविता-संग्रह " मेरे शब्द शिशु " |

बुधवार, जनवरी 10, 2018

कहानियों में नारी पात्रों के महत्त्व को दिखाती पुस्तक

पुस्तक - रूप देवगुण के कहानियों में नारी के विभिन्न रूप 
लेखक - ज्ञानप्रकाश ' पीयूष '
प्रकाशन - सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल 
पृष्ठ - 180 
कीमत - 450 /- ( सजिल्द )
प्रो. रूप देवगुण की समस्त कहानियों का अध्ययन करते हुए उनमें प्रमुख नारी पात्रों पर आधारित कहानियों का विश्लेषण करती पुस्तक है ' रूप देवगुण की कहानियों में नारी के विभिन्न रूप ' | इस संकलन में रूप देवगुण की 13 कहानियां हैं और सभी कहानियों के पूर्व ज्ञानप्रकाश ' पीयूष ' जी ने समीक्षात्मक आलेख दिया है | अंत में उपसंहार भी है |

बुधवार, जनवरी 03, 2018

जीवन दर्शन को ब्यान करने का सफल प्रयास

सूक्ति-संग्रह - सूक्तियाँ मेरा अनुभव संसार 
लेखक - निजात 
प्रकाशक - एस. एन. पब्लिकेशन, नई दिल्ली 
पृष्ठ - 168 
कीमत - 450 ( सजिल्द )
एक साहित्यकार अपने अनुभव के बल पर अपने साहित्य में अनेक ऐसी पंक्तियाँ लिखता है, जो अपने आप में पूरी रचना होती हैं और जीवन-दर्शन का निचोड़ होने के कारण वे मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हैं, लेकिन ऐसी उक्तियों को साहित्य में ढूँढने के लिए पाठक के पास भी उच्चकोटि की समझ होनी चाहिए | ' निजात ' जी ने " सूक्तियाँ मेरा अनुभव संसार " में सीधे-सीधे सूक्तियाँ लिखकर पाठक का काम आसान कर दिया है | इस संग्रह में 2200 सूक्तियाँ हैं जो 27 विषयों में विभक्त हैं | निस्संदेह, यह लेखक के विशाल अनुभव का परिणाम है | उसने जीवन को जैसा देखा, जैसा समझा उसे सार रूप में कहा है ताकि आम पाठक उसे समझ सके, अपना सके |

सोमवार, दिसंबर 25, 2017

अच्छा जीवन जीने की सीख देता संग्रह

बाल कविता-संग्रह - बाल मन की किलकारी 
कवि - डॉ. मेजर शक्तिराज 
प्रकाशन - अमृत बुक्स, कैथल 
पृष्ठ - 88 
कीमत - 200 /- ( सजिल्द )
 बच्चों के पसंदीदा विषयों को लेकर उन्हें सिखाने, अच्छा इंसान बनाने का प्रयास करता संग्रह है ' बाल मन की किलकारी ' | इस संग्रह में आठ-आठ पंक्तियों की 75 कविताएँ हैं |

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...