भारत रत्न का मिलना हर भारतीय के लिए सम्मान की बात होगा और ऐसा कौन है जो इसे लेना न चाहेगा लेकिन यह पाने के लिए विशेष योग्यता का होना जरूरी है . भारत में सचिन तेंदुलकर को यह सम्मान मिलना चाहिए ऐसा दावा बहुत से लोग कर रहे हैं लेकिन सचिन का खेल जगत से जुडा होना उनके भारत रत्न पाने में रुकावट पैदा कर रहा है .भारत रत्न जिन विषयों के लिए दिया जा सकता है उन में खेल शामिल नहीं है . सचिन को भारत रत्न मिलेगा या नही यह उतना महत्वपूर्ण नहीं जितना कि इस समस्या का हल होना है कि किसी खिलाडी को यह सम्मान मिल सकता है या नहीं . इसलिए अब विचारणीय विषय यही है कि क्या खेल को भारत रत्न की परिधि से बाहर रखा जाना चाहिए . खेल मंत्रालय इसे भारत रत्न की परिधि में लेने का निवेदन कर चुका है . वैसे देखा जाए तो खेल को बाहर रखने की बात समझ नहीं आती . भारत रत्न देने का आधार या तो देश होना चाहिए या फिर कोई भी व्यक्तिगत उपलब्धि . यदि इसका क्षेत्र देश रखा जाए तो सिर्फ उन्हीं लोगों को भारत रत्न दिया जाना चाहिए जिन्होंने देश हेतु विशेष योगदान दिया हो .ऐसे में भारत रत्न बहुत कम लोगों को मिलेगा . इस आधार पर सिर्फ वैज्ञानिक या देश पर शहीद होने वाले लोग ही इसके हकदार होंगे . कोई भी साहित्यकार , संगीतकार ,फिल्मकार या खिलाडी इसका दावेदार नहीं होगा और यदि इसका आधार व्यक्तिगत उपलब्धि हो तो यह सभी क्षेत्रों की व्यक्तिगत उपलब्धियों पर मिलना चाहिए .अगर संगीत से जुडी कोई हस्ती संगीत में किए प्रदर्शन के आधार पर भारत रत्न पा सकती है तो सचिन क्रिकेट में किए प्रदर्शन के आधार पर भारत रत्न क्यों नहीं पा सकते.
अब समय है कि भारत रत्न देने के नियमों में परिवर्तन हो . इसमें न सिर्फ खेल को जोड़ा जाए अपितु यह बात जोड़ी जानी चाहिए कि देश हित में सर्वश्रेष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति और सभी क्षेत्रों में अपने कार्यों के द्वारा विश्व पटल पर भारत का नाम चमकाने वाले व्यक्ति भारत रत्न पाने के हकदार होंगे . इससे सभी क्षेत्र भारत रत्न की परिधि में आ जाएंगे . भारत का नाम विश्व पटल पर चमकाने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करना देश का कर्तव्य है .
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