कविता-संग्रह – जब तुम चुप रहती हो
कवि – रूप देवगुण
प्रकाशक – राज पब्लिशिंग हॉउस , दिल्ली
पृष्ठ – 76
कीमत – 80 /-
रूप देवगुण जी के कविता-संग्रह “ जब तुम चुप रहती हो ” का प्रकाशन 2004 में
राज पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली द्वारा किया गया | इस संग्रह में 35 कविताएँ हैं | कवि
ने इस संग्रह में प्रकृति के विविध रूपों, विशेषकर पानी और बादल को लेकर कविताओं
की सृजना की है | जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी विषय बनाया है और तत्कालीन हालातों
पर भी रचनाएं लिखी हैं | कवि भूकम्प में तहस-नहस हुए भुज की पीड़ा को अपने भीतर
महसूस करता है, तो डबवाली अग्निकांड पर एक माँ की तरफ से लिखता है -
तुम्हारा हलुवा / अब भी /
वैसे ही पड़ा है ( पृ. – 51 )