परीक्षा कोई भी हो हम तब तक सफलता हासिल नहीं कर सकते जब तक पाठ्क्रम और पेपर पैटर्न से परिचित नहीं । मंजिल तक पहुँचने के लिए जिस प्रकार दिशा और रास्ते का ज्ञान जरूरी है ठीक उसी प्रकार परीक्षा में बैठने से पूर्व पाठ्क्रम और पेपर पैटर्न को समझना जरूरी है ।
यूं तो नेट की परीक्षा में जुड़े सभी परीक्षार्थी इससे परिचित होंगे ही, फिर भी हिंदी की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों को पुन: स्मरण करवाने का प्रयास यहाँ कर रहा हूँ , शायद किसी को इससे लाभ मिल सके ।
यूं तो नेट की परीक्षा में जुड़े सभी परीक्षार्थी इससे परिचित होंगे ही, फिर भी हिंदी की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों को पुन: स्मरण करवाने का प्रयास यहाँ कर रहा हूँ , शायद किसी को इससे लाभ मिल सके ।
पाठ्यक्रम -
हिंदी के पाठ्क्रम को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है , इसके आगे कई उपभाग हैं -
भाषा विज्ञान -
- हिंदी की बोलियाँ
- देवनागरी लिपि
हिंदी साहित्य का इतिहास -
- साहित्येतिहास, काल विभाजन, नामकरण
- आदिकाल
- भक्तिकाल
- रीतिकाल
- आधुनिक काल - गद्य साहित्य ( आलोचना, उपन्यास , कहानी, नाटक, रेखाचित्र आदि )
- आधुनिक काल - पद्य साहित्य
- पत्रिकाएँ और विभिन्न संस्थाएं
काव्यशास्त्र -
- भारतीय काव्यशास्त्र ( संस्कृत के आचार्य )
- पाश्चात्य काव्यशास्त्र
पेपर पैटर्न -
कहने को अभी भी नेट के विषय से संबंधित दो पेपर हैं , लेकिन इन्हें दो कहना ठीक नहीं क्योंकि दोनों में एक ही विषय वस्तु है । आप यह कह सकते हैं कि यह एक पेपर के ही दो हिस्से हैं । ब्रेक के पहले आपको 50 प्रश्न करने हैं और ब्रेक के बाद 75 प्रश्न । आप 125 प्रश्नों की तैयारी एक ही तरीके से कर सकते हैं और किस हिस्से पर आपको ज्यादा ध्यान लगाना है इसके लिए पिछले प्रश्न पत्रों के हिसाब से मैं यह अनुमान लगा रहा हूँ -
- अपठित पद्यांश - 5 प्रश्न
- स्थापना और तर्क - 20 प्रश्न
- साहित्येतिहास, कालक्रम नामकरण , आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल - 30 प्रश्न
- आधुनिक काल - 50 प्रश्न
- काव्यशास्त्र - 10 प्रश्न
- भाषाविज्ञान और पत्रिकाएँ - 10 प्रश्न
यह सिर्फ मोटे रूप पर तैयार किया गया आंकलन है , लेकिन इतना निश्चित है है कि ज्यादा ध्यान आधुनिक काल पर देना होगा सीधे 100 प्रश्नों ( तर्क और पद्यांश को छोड़कर शेष सभी ) में 50% आधुनिक काल से होंगे स्थापना और तर्क के लगभग 20 प्रश्नों में भी इनका कुछ हिस्सा रहेगा ।
प्रश्नों के प्रकार-
प्रश्न किस प्रकार के होंगे यह समझना भी जरूरी है । इसको हम पांच हिस्सों में बांटते है -
- अपठित पद्यांश - 5 प्रश्न ( समझ पर आधारित )
- स्थापना और तर्क - 20 प्रश्न ( समझ पर आधारित )
- क्रम निर्धारण - 25 प्रश्न
- सही मिलान - 20 प्रश्न
- शेष वैकल्पिक - 55 प्रश्न
पद्यांश को इस स्तर की परीक्षा में बहुत मुश्किल नहीं माना जा सकता , स्थापना और तर्क के प्रश्न यह मांग करते हैं कि आपको हिंदी के पाठ्क्रम की व्यावहारिक समझ हो । विभिन्न वादों की जानकारी हो । सही मिलान करो प्रश्न में अधिकाँश प्रश्न में दो मदों की जानकारी प्रश्न हल करवा देती है, कई बार तो सिर्फ एक मद की जानकारी से काम चल जाता है , अत: इनको हल करते समय पहले उस बिंदु को पकड़ा जाए जिसके बारे में आप निश्चित हैं । क्रम निर्धारण के प्रश्न काफी अंतर डालते हैं । यदि यह कहा जाए कि यह इस परीक्षा का सबसे मुश्किल हिस्सा है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए । इसके लिए विशेष रूप से तैयारी की जरूरत है । कवियों और लेखकों की जन्म के हिसाब से सूची , एक विधा की पुस्तकों के प्रकाशन काल के हिसाब से सूची बनाकर इसकी तैयारी की जा सकती है ।यह विधि अन्य वैकल्पिक प्रश्न को हल करने में भी मदद करती है ।
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नोट - यह आलेख मेरे अनुभव और मेरे अल्पज्ञान पर आधारित है, अत: इसे कितने अर्थों में मानना है यह आपके विवेक पर निर्भर है । हाँ सुझाव आमंत्रित हैं ।
नेट की तैयारी में जुटे सभी परीक्षार्थियों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ।
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3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर ज्ञानवर्धक पोस्ट शुक्रिया |
Bahut badhiya..
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