कुछ दिनों पूर्व मुझे स्पीडपोस्ट से “महाभारत जारी है” नाम की एक कृति प्राप्त हुई। मन ही मन मैं यह अनुमान लगाने लगा कि यह ऐतिहासिक काव्यकृति होगी। “महाभारत जारी है” के नाम और आवरण ने मुझे प्रभावित किया और मैं इसको पढ़ने के लिए स्वयं को रोक न सका। जब मैंने “महाभारत जारी है” को सांगोपांग पढ़ा तो मेरी धारणा बदल गयी। जबकि इससे पूर्व में प्राप्त हुई कई मित्रों की कृतियाँ मेरे पास समीक्षा के लिए कतार में हैं।
BE PROUD TO BE AN INDIAN
बुधवार, फ़रवरी 24, 2016
मंगलवार, फ़रवरी 16, 2016
प्रकृति के माध्यम से जीवन को देखती कविताएँ
कविता संग्रह - धूप मुझे है बुला रही
कवि - रूप देवगुण
प्रकाशन - सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल
पृष्ठ - 104 ( सजिल्द )
कीमत - 250 रु -
रूप देवगुण प्रकृति के चितेरे कवि हैं | उनके कुछ कविता संग्रहों के नाम, यथा- गुलमोहर मेरे आंगन में, पहाड़ के बादल अभिनय करते हैं, दुनिया भर की गिलहरियाँ, नदी की तैरती-सी आवाज़, इस बात के द्योतक हैं | प्रकृति से इस लगाव की अगली कड़ी है कविता-संग्रह " धूप मुझे है बुला रही " |
मंगलवार, फ़रवरी 09, 2016
जिंदगी का गहन विश्लेषण करता कविता संग्रह
कविता संग्रह - ज़िंदगी...कुछ यूं ही
कवि - सुधाकर पाठक
प्रकाशक - वाणी प्रकाशन
कीमत - ₹ 225 / - ( सजिल्द )
पृष्ठ - 110
“ जिंदगी...कुछ यूँ ही ” सुधाकर पाठक जी का प्रथम कविता संग्रह है | उनकी कविताएँ इससे पूर्व “ सहोदरी सोपान – 1 ” में आ चुकी हैं, लेकिन स्वतंत्र रूप से यह उनका प्रथम प्रयास है | इस संग्रह को देखते हुए यह आभास बिल्कुल भी नहीं होता कि यह संग्रह किसी नवागत कवि का है | सुधाकर पाठक की कविताएँ पर्याप्त प्रौढ़ता लिए हुए हैं, जो यह बताता है कि कवि ने आमतौर पर नए कवियों की तरह हडबडाहट में कविता-संग्रह प्रकाशित करवाने की अपेक्षा परिपक्व होने के बाद ही कविता-संग्रह प्रकाशित करवाने का निर्णय लिया है |
मंगलवार, फ़रवरी 02, 2016
सनसनीखेज कथानक और खिचड़ी भाषा का उपन्यास
उपन्यास - बनारस टॉकीज़
लेखक - सत्य व्यास
प्रकाशक - हिन्द युग्म
पृष्ठ - 192 ( पेपरबैक )
कीमत - 115 / -
बनारस टॉकीज़ BHU के BD होस्टल की कहानी है| यह सनसनी पर आधारित है| लेखक सत्य व्यास ने ज़िग ज़िग्लरकी उक्ति,
"हर घटना के पीछे कोई कारण होता है| संभव है कि यह घटित होते वक्त आपको न दिखे; लेकिन अंततः जब यह सामने आएगा, आप सन्न रह जाएंगे|"
शुरूआत में दी है, और यह उपन्यास इसी उक्ति का मूर्त रूप है |
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