उपन्यास - रेहन पर रग्घू
लेखक - काशीनाथ सिंह
प्रकाशक - राजकमल पेपरबैक्स
पृष्ठ - 164
कीमत - 215/-
तीन खंडों के 29 अध्यायों में फैली रग्घू की कहानी दरअसल बदलाव और बिखराव की कहानी है | उपन्यास के अंतिम पृष्ठ पर अखिलेश जी का वक्तव्य " यह उपन्यास वस्तुत: गाँव, शहर, अमेरिका तक के भूगोल में फैला हुआ अकेले और निहत्थे पड़ते जा रहे समकालीन मनुष्य का बेजोड़ आख्यान है ", इस उपन्यास की सटीक व्याख्या है |