ग़ज़ल-संग्रह – कहो बात दिल की
शायर – रूप देवगुण
प्रकाशक – सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल
पृष्ठ – 80
कीमत – 200 /- ( सजिल्द )
ग़ज़ल का हर शे’र आजाद होने के कारण शायर के पास अपनी बात
कहने के मौके ज्यादा होते हैं | वह एक ही ग़ज़ल में विभिन्न पहलुओं को उठा पाने में
सफल रहता है | रूप देवगुण का गजल संग्रह “ कहो बात दिल की ” भी इसी का उदाहरण है |
शायर अपनी 70 गजलों के द्वारा प्रेम, समाज और जीवन-दर्शन की बात करता है |