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सोमवार, जून 24, 2019

अध्यात्म और नैतिकता की दृष्टि से जीवन को देखता संग्रह

कविता-संग्रह - साथी हैं संवाद मेरे 
कवि - ज्ञान प्रकाश पीयूष
प्रकाशन - बोधि प्रकाशन
पृष्ठ - 136
कीमत - 200/- ( सजिल्द )
ईश्वर, सृष्टि और समाज को केंद्र में रखकर लिखी गई 96 कविताओं का संग्रह हैं, " साथी हैं संवाद मेरे " । इन 96 कविताओं में संवाद, माँ, पिता और बेटी शीर्षक के अंतर्गत क्रमश: 5, 10, 6 और 7 कविताएँ हैं, इस प्रकार यह कुल  120 कविताओं का संग्रह है । सामान्यतः कविताएँ मध्यम आकार की हैं, लेकिन कवि ने लघुकविताओं को भी इस संग्रह में पर्याप्त स्थान दिया है ।

मंगलवार, जून 11, 2019

इतिहास और साहित्य का सुमेल

पुस्तक - आज़ादी के पहले और बाद
रचयिता - मनजीतकौर मीत
प्रकाशन - अंजुमन प्रकाशन
पृष्ठ - 112
कीमत - 150/- ( पेपरबैक )
भारत ने आज़ादी के लिए लम्बा संघर्ष किया है । आज़ादी अपने साथ दंगे लाई । वे जख़्म तो किसी - न - किसी तरह भर गए, लेकिन भारत की वर्तमान दशा ऐसी नहीं हो पाई, कि इस पर गर्व किया जा सके । महँगाई, भ्रष्टाचार, असुरक्षा आदि अनेक मुद्दे हैं । नेता काले अंग्रेज़ बन गए और जनता पिसती जा रही है । ये बातें हर भावुक इंसान को उद्वेलित करती हैं । लेखिका मनजीतकौर मीत भी इनसे उद्वेलित है । उसने इतिहास सुनाने और कविता कहने का कार्य एक साथ किया है । इस अनोखे प्रयोग को उसने प्रस्तुत किया है, अपनी पुस्तक " आज़ादी के पहले और बाद " में । मूलतः यह कविता-संग्रह ही है, लेकिन यहाँ-यहाँ ज़रूरी लगा, वहाँ पर इतिहास का वर्णन गद्य में भी किया गया है, इस प्रकार यह संग्रह 1757 से आज तक की महत्त्वपूर्ण घटनाओं को रेखांकित करने वाला दस्तावेज बन गया है ।

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