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बुधवार, मार्च 25, 2020

सहज रूप से ग्राह्य कविताओं का संग्रह

लघुकविता-संग्रह - दिन ढल रहा था कवि - रूप देवगुण प्रकाशक - सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल कीमत - ₹250/- पृष्ठ - 80 ( सजिल्द )
सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल से प्रकाशित "दिन ढल रहा था" रूप देवगुण की लघु कविताओं का संग्रह है, जिसमें 67 लघु कविताएँ 6 अध्य्यायों में विभक्त है। इनकी समरूपता इनके आकार को लेकर है। सभी कविताएँ 10-10 पंक्तियों की है। एक अध्याय में एक ही विषय की कविताएँ हैं या हम कह सकते हैं कि एक विषय पर कवि ने अलग-अलग बिम्बों को या अपने अलग-अलग दृष्टिकोण को एक साथ बयान किया है। 

बुधवार, मार्च 18, 2020

प्रदूषित हो रही गंगा के प्रति चिंता दिखाता संग्रह

लघुकविता-संग्रह - मासूम गंगा के सवाल कवयित्री - शील कौशिक प्रकाशक -साहित्यसागर, जयपुर पृष्ठ - 128 कीमत - ₹200/-
मासूम गंगा के सवाल" गंगा पर केंद्रित 108 लघुकविताओं का संग्रह है और इस अनूठी कृति की रचना की है शील कौशिक ने। साहित्यसागर, जयपुर से प्रकाशित इस कृति के बारे में कवयित्री का खुद का कहना है -
"मैं केवल आस्तिकता या अंधविश्वास का ढोल गले में बाँधकर नहीं पीट रही, बल्कि यह काव्य कृति गंगा को मानवीय दृष्टि से देखने का प्रयास मात्र है।" ( पृ. - 6 )

बुधवार, मार्च 11, 2020

भाषायी आडम्बर से मुक्त सरल और बोधगम्य कविताओं का संग्रह

लघुकविता-संग्रह - जो मैं न कह सका कवि - रूप देवगुण प्रकाशन - सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल कीमत - ₹300/- पृष्ठ - 111 ( सजिल्द )
सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल से प्रकाशित रूप देवगुण कृत "जो मैं न कह सका" लघु कविताओं का संग्रह है। इसमें 91 कविताओं को 8 अध्यायों में बाँटकर प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक अध्याय के आगे एक लघु आलेख है, जिसमें कवि ने अध्याय के विषय में अपने विचार रखे हैं।

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