पुस्तक – आज़ादी मेरा ब्रांड
लेखिका - अनुराधा बेनीवाल
प्रकाशन - सार्थक, राजकमल का उपक्रम
पृष्ठ - 204
मूल्य - 199 /-
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यात्रा वृत्तांत मुख्य रूप से यात्रा के अनुभवों की
अभिव्यक्ति ही होती है | अनुराधा यूरोप यात्रा के दौरान जिन देशों और शहरों में
जाती हैं उनका न सिर्फ विस्तारपूर्वक वर्णन करती है, अपितु भारत के साथ, भारतीय
संस्कृति के साथ तुलना करती है और अपने विचार भी रखती है, जिससे यह यात्रा
वृत्तांत सिर्फ यात्रा वृत्तांत नहीं रह जाता अपितु लेखिका के जीवन दर्शन को ब्यान
करता हुआ प्रतीत होता है | वैसे तो वह ख़ुद को लिव-इन की बड़ी सपोर्टर कहती है,
लेकिन आज के प्यार को भी पसंद नहीं करती | पहले के प्यार की आज के प्यार से तुलना
करते हुए वह लिखती है –
“ महीने में एक बार चिट्ठी लिखी, अपने दिल का हाल बताया
और जरूरत की बात लिखी | ये थोड़े ही पूछते होंगे – बेबी डिनर में क्या खाया ?,
बेबी, रात को अकेले मत जाना, बेबी, क्या पहना है ? फोटो भेजो |, इतना छोटा टॉप
क्यों पहना है ! मैं नहीं हूँ तो किसे दिखाओगी ? और ये लो जी, अभी तो जान-पहचान हो
ही रही थी कि हो गया ब्रेक-अप !”