शोध-पुस्तक - सामाजिक चेतना के कवि उदयभानु हंस
लेखिका – सुनीता ‘आनन्द’
प्रकाशक – अर्पित प्रकाशक
पृष्ठ – 104
कीमत – 200 /-
सामन्यत: शोध कार्य किसी उपाधि की प्राप्ति के लिए ही किया जाता है, लेकिन सुनीता ‘आंनद’ का यह पसंदीदा विषय है, इसलिए वे बिना किसी उपाधि हेतु इस कार्य में रत हैं | ‘तेजिन्द्र के काव्य में सामाजिक चेतना’ उनका पहला शोध-ग्रन्थ था, जिसका प्रकाशन हरियाणा साहित्य अकादमी के सौजन्य से हुआ और इसी से प्रेरित होकर आनन्द कला मंच एवं शोध संस्थान भिवानी ने आपसी सहयोग आधारित पुस्तक प्रकाशन योजना के अंतर्गत सुनीता ‘आनन्द’ के हरियाणा के प्रथम राज्य कवि उदयभानु हंस जी से संबंधित शोध कार्य को प्रकाशित करने का निर्णय किया | लेखिका ने इस शोध का विषय हंस जी के काव्य में सामजिक चेतना को चुना |