पुस्तक - हरियाणा की महिला रचनाकार : विविध आयाम
लेखिका - डॉ. शील कौशिक
प्रकाशन - हरियाणा ग्रन्थ अकादमी,पंचकूला
पृष्ठ - 388 ( सजिल्द )
कीमत - 260
विधा कोई भी हो साहित्य सृजन साधना की मांग करता है और जब बात आलोचना की हो तो यह कार्य दूसरी विधाओं से अधिक श्रमसाध्य और दायित्वपूर्ण हो जाता है | आलोचक की आलोचना करते हुए कहा गया है कि आलोचक वह व्यक्ति है, जो लेखक के कंधे पर बैठकर कहता है कि तू बौना है | ( संभवत: यह उक्ति मुंशी प्रेमचन्द की है ) यह कटूक्ति बताती है कि आलोचना कार्य तलवार की धार पर चलने जैसा है, लेकिन तमाम खतरों को उठाते हुए यह कार्य किया जाना बेहद जरूरी है | साहित्य के क्षेत्र में भी अनेक विद्वान और विदुषियाँ इस कार्य को मनोयोग से कर रही हैं | इन्हीं विदुषियों में एक नाम है, डॉ. शील कौशिक जी का, जिन्होंने “ हरियाणा की महिला रचनाकार : विविध आयाम ” पुस्तक के रूप में एक श्रमसाध्य कार्य किया है | इस आलोचना ग्रन्थ में हरियाणा की 72 महिला रचनाकारों को लिया गया है | हरियाणा की रचनाकार होने का आधार हरियाणा में जन्म, हरियाणा सरकार में कार्यरत, सेवानिवृत या पेंशन-भोगी होना या जिनका पिछले 15 वर्षों से स्थायी निवास हरियाणा है, रखा गया है | हरियाणा की ये महिला साहित्यकार साहित्य की सभी विधाओं में लिख रही हैं | इस ग्रन्थ में साहित्यकारों को जन्म के आधार पर क्रम में रखा गया है | पहली महिला साहित्यकार इंद्रा स्वप्न का जन्म 1913 को हुआ है जबकि आख़िरी साहित्यकार चित्रा शर्मा का जन्म 1982 को हुआ | इस प्रकार यह 1913 से 1982 के बीच पैदा हुई महिला रचनाकारों की रचना यात्रा का शोधपूर्ण दस्तावेज है |