हरिशंकर परसाई ने कहानियाँ, उपन्यास, संस्मरण, लघुकथाएँ, बाल कहानियाँ लिखी लेकिन उनकी ख्याति व्यंग्यकार के रूप में ही है और उन्हें व्यंग्य विधा को स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है । व्यंग्य शब्द की व्यंजना शक्ति से उपजता है और शब्द की तीनों शब्द शक्तियां अभिधा, लक्षण, व्यंजना शुरू से ही मौजूद हैं । परसाई से पूर्व और समकालीन साहित्यकारों ने भी व्यंजना शक्ति का प्रयोग किया लेकिन इन्हें ही व्यंग्य का जनक माना गया । जिस प्रकार प्रेमचन्द से पूर्व भी उपन्यास लिखे गए लेकिन प्रेमचन्द ने उपन्यास के क्षेत्र में ऐसे क्रांतिकारी बदलाव किए कि उपन्यास का जिक्र आते ही प्रेमचन्द का नाम आता है, वैसे ही व्यंग्य का जिक्र आते ही हरिशंकर परसाई का नाम उभरता है । परसाई ने न सिर्फ व्यंग्य के स्तर को उठाया, अपितु इसे स्वतंत्र विधा के रूप में स्थापित किया ।
BE PROUD TO BE AN INDIAN
बुधवार, अक्टूबर 26, 2016
बुधवार, अक्टूबर 19, 2016
रविवार, अक्टूबर 16, 2016
" बेटी बचाओ, बेटी पढाओ " अभियान हेतु श्लाघनीय प्रयास
कृति - बेटी चालीस
कवि - राजकुमार निजात
पुरुष और स्त्री जब जीवन रूपी गाड़ी के समान पहिए हैं तो बेटे-बेटी को भी समान महत्त्व दिया जाना चाहिए, लेकिन न तो स्त्री को समानता का दर्जा मिला और न ही बेटी को | कन्या भ्रूण हत्या के अपराध ने लिंगानुपात को भी प्रभावित किया है और यह बालिकाओं के प्रति समाज का घोर अन्याय भी है |
बुधवार, अक्टूबर 05, 2016
नैतिकता का पाठ पढ़ाता अनूठा संग्रह
पुस्तक - प्रेरक, अर्थपूर्ण कथन एवं सूक्तियाँ
लेखक - हीरो वाधवानी
प्रकाशन - राघव पब्लिशर्स
पृष्ठ - 144 ( पेपरबैक )
कीमत - 300 / -
लेखक - हीरो वाधवानी
प्रकाशन - राघव पब्लिशर्स
पृष्ठ - 144 ( पेपरबैक )
कीमत - 300 / -
सोचना हर आदमी का स्वभाव है | ज्ञान और अनुभव से आदमी विचारशील बनता है | जीवन क्या है, यह कैसा होना चाहिए, इसका लक्ष्य क्या है, जैसे सवाल हर विचारवान व्यक्ति के मस्तिष्क में उथल-पुथल अवश्य मचाते हैं | धर्म, मानवता, समाज को लेकर भी व्यक्ति सोचता है | कुछ लोग इसकी चर्चा अपने साथियों से कर लेते हैं तो कुछ इनकी अभिव्यक्ति के लिए साहित्यिक विधाओं का सहारा लेते हैं | हीरो वाधवानी ने अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए सूक्तियों का सहारा लिया है | महापुरुषों के कथन, जैसे विदुर, चाणक्य, महात्मा गांधी के विचार हमने अक्सर इस रूप में पढ़े हैं लेकिन सामान्यत: कोई लेखक इस रूप में अपने विचार कम ही प्रकाशित करता है | हीरो वाधवानी की पुस्तक " प्रेरक, अर्थपूर्ण कथन एवं सूक्तियां " इस दृष्टिकोण से अनूठा संग्रह है |
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