कवि - बलबीर सिंह वर्मा 'वागीश'
प्रकाशक - Book Rivers
कीमत - 180
बलबीर वर्मा सोशल मीडिया के साहित्यिक ग्रुपों का जाना-माना नाम है और यह नाम उसने अल्पावधि में कमाया है और इसका कारण है निरन्तर सृजन करना, साहित्यिक ग्रुपों में बढ़ चढ़कर भाग लेना । निरन्तर लेखन से उसकी रचना शैली में निखार आया है। अब उसका झुकाव छंदबद्ध की ओर हुआ है, लेकिन इस संग्रह में छंदमुक्त रचनाएँ ही हैं । इस संग्रह में तुकांत का प्रयोग भले ही खूब हुआ है, लेकिन रचनाएँ छंदमुक्त ही रही हैं । हाँ, जापानी छंद सेदोका में एक कविता जरूर है । यह संग्रह उसकी शुरुआती रचनाओं का है । इस संग्रह में कवि ने समाज के नायकों, त्योहारों को लेकर लिखी कविताओं को स्थान दिया है, तो समाज में फैली विसंगतियों को देखकर मन में उठे सवालों, ख्यालों से बनी कविताओं को भी रखा है । कवि एक आदर्श समाज का सपना देखता है ।