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रविवार, नवंबर 11, 2018

दिव्यांगों के जीवट को दिखाती हुई लघुकथाएँ

पुस्तक - हौसले की लघुकथाएँ
संपादक – राजकुमार निजात 
प्रकाशन – धर्मदीप प्रकाशन 
पृष्ठ - 144
कीमत – 450 /- ( सजिल्द ) 
साहित्य का उद्देश्य है, कि वह दबे-कुचलों की आवाज बने | सामान्यत: दिव्यांग-जन समाज की उपेक्षा का शिकार होते आए हैं | ऐसे में साहित्यकार का कर्त्तव्य है, कि वह उनको साहित्य का विषय बनाकर उनकी स्थिति में सुधार लाने का प्रयास करे | ऐसा ही प्रयास किया है, डॉ. राजकुमार निजात ने संपादित कृति “हौसलों की लघुकथाएं” द्वारा | यह कृति तीन भागों में विभक्त है | पहले भाग में आलेख हैं, दूसरे भाग में लघुकथाएँ हैं और तीसरे भाग में लघुकथाकारों का परिचय दिया गया है |

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