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बुधवार, फ़रवरी 27, 2019

मीनाक्षी सिंह भारद्वाज जी की नज़र में 'कवच'

कहानी-संग्रह - कवच
कहानीकार - दिलबागसिंह विर्क
समीक्षक - मीनाक्षी सिंह भारद्वाज
प्रकाशन - अंजुमन प्रकाशन, प्रयागराज
पृष्ठ - 152
कीमत - 150/ ( पेपरबैक )
पुस्तक प्राप्ति का स्थान - amazon
इक्कीस कहानियों का संग्रह है कवच, जिसकी काफी सारी कहानियाँ पुरस्कृत हो चुकी है। लेखक दिलबागसिंह विर्क लिखित इस संग्रह की तकरीबन हर कहानी को पढ़ते हुए हमें यह महसूस हुआ कि इसके पात्र किसी न रूप में हमसे जुड़े हुए हैं।
            इसे पढ़ते समय.. खासकर हर पुरस्कृत कहानी को पढ़ने के पहले मन में ये समझने की इच्छा बलवती रही कि पुरस्कृत कहानियों की ऐसी क्या खासियत होती होगी, कि ढ़ेरों लोगों की कहानियों को पीछे छोड़ते हुए वो पुरस्कृत सूची में अपना नाम दर्ज करवा पाने में कामयाब होती है।
            विश्व हिन्दी सचिवालय माॅरीशस द्वारा आयोजित करवाए गए अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में 100 डाॅलर का सांत्वना पुरस्कार पाकर कहानी " कीमत " अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुकी है। नवसृजन प्रतियोगिता में " प्रदूषण " पुरस्कृत हुई। इसके अलावा " गर्लफ्रेन्ड जैसी कोई चीज " जागरूकता जगाने की कामयाब कोशिश के कारण पुरस्कृत है तथा हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित करवाई गई कहानी प्रतियोगिता में "जिंदगी का अन्याय " का  नाम दर्ज हो चुका है।
         पहली कहानी " खूँटों में बंधे लोग " ऑनलाइन प्यार के बढ़ते प्रभाव को बखूबी बयान करता है, जिसे पढ़ते हुए सोशल मीडिया से जुड़े अधिकांश पाठक खुद को पाएंगे.
             " दो पाटन के बीच " एक पुरूष के मानसिक अंतर्द्वंद की कहानी है, जिसके अंतर्गत किसी की नासमझी और किसी और द्वारा उसकी भरपाई को बखूबी दर्शाया गया है।
          विवाहेत्तर संबंध की चाह से कहानी " चयुइंगम " का गहरा नाता है। 
"पुरूष कमाल के होते हैं, किसी पुरूष को अगर कोई औरत प्रणय निवेदन करे तो वह कभी नहीं ठुकराता....."
"रीमा भी एक शानदार मौका है और वह उसे लपक ले....."
             " हश्र " प्रेमी की बेवफाई के बाद भी हकीकत को नहीं स्वीकारते हुए उसे टूटकर चाहती युवती.. मुझे विषयवस्तु ज्यादा पसंद नहीं आई.. शायद इसलिए कि मैं ऐसा प्रतिदान नहीं दे सकती।
            " सुक्खा " कर्ज की आदत और आत्महत्या करते लोगों की हकीकत.. हकीकत दर्शाती इस कहानी को अवश्य पढ़ना चाहिए, उन सारे बिंदुओं पर हमारा ध्यानाकर्षित करने में सफल हुई ये कहानी, जिसे हम जानते हुए भी समझ नहीं पाते।
                 " दलदल " अपराध की दुनिया को छोड़ चुके ईंसान..  फिर से उसी अपराधों की दुनिया में जाने की संभावना.. इस कहानी में हमारे समाज की कुछ कमियों को बखूबी दर्शाया गया है, जिसकी वजह से अपराध की दुनिया में दोबारा जाने को मजबूर हो सकता है।
             " कवच " इस शीर्षक कहानी के बारे मे फिलहाल सस्पेन्स.. इसे डायरेक्ट पढ़ने पर आपको ज्यादा आनंद आएगा। " चर्चाएँ " ये औरतों को बदनाम करने के लिए होते हैं और मर्द को महिमामंडित करने के लिए । " इजहार " इस गंभीर लेखक की ये गुदगुदाती रचना भी आपको खूब पसंद आएगी ।
             " बलिदान " समगोत्री प्यार और कुर्बानी बच्चों की.. इस कुर्बानी की नौबत नहीं आने देने के उपाय...." जिंदगी का अन्याय "  आशिकमिजाजी के साइड इफेक्ट.. जरूर पढ़ना चाहिए आपको । " संबल " किशोरावस्था का यौन उत्पीड़न और बचाव के तरीके
             " सुहागरात " एक प्राॅस्टिट्यूट का दर्द और उस भले मानस की वास्तविक कमजोरी । प्यार में शरीर तक की कहानी है " फिसलन "। गाँव के माहौल में शहरी शब्द लिव इन रिलेशनशिप जैसा रिश्ता.. अविवाहित पत्नी की हालत.. और  " बीच का रास्ता " ।
                कहानियाँ और भी है.. हर कहानी हमारे इर्द-गिर्द से लेकर पेश किया गया है और यही वजह है कि  "कवच" मुझे पसंद आयी है।
                    प्रुफ रीडिंग की कमियाँ कुछ जगह खली है पर लेखक की सधी हुई लेखनी उस कमी को ज्यादा देर बरकरार नहीं रहने देती..
                इस खुबसूरत पेशकश के लिए दिलबागसिंह विर्क जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ.. आपकी अगली पेशकश का इंतजार रहेगा..

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