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बुधवार, अप्रैल 10, 2019

ज्ञानप्रकाश पीयूष जी की नज़र में कवच

पुस्तक का नाम - कवच (कहानी-संग्रह)
लेखक - दिलबागसिंह विर्क 
विधा - कहानी 
प्रकाशन- अंजुमन प्रकाशन, प्रयागराज
प्रथम संस्करण - 2019 
मूल्य: 150रूपये
पृष्ठ सं.:152 
प्राप्ति स्थान - पेपरबैक संस्करण, kindle 
मसीतां,डबवाली ,सिरसा के बहु चर्चित साहित्यकार दिलबाग सिंह विर्क द्वारा रचित कहानी संग्रह 'कवच' प्राप्त हुआ। इसके लिए इन्हें हार्दिक धन्यवाद एवं शुभकामनाएं।
                    प्रस्तुत संग्रह में इनकी 21 कहानियाँ संगृहीत हैं,जो सामाजिक सरोकारों से अनुस्यूत विविध विषयों पर आधारित यथार्थवादी कहानियाँ हैं। इनमें कतिपय कहानियाँ स्थानीय,राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत हो चुकी हैं।
              'क़ीमत' कहानी पर विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस द्वारा आयोजित करवाए गए अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में इन्हें सौ डॉलर का सांत्वना पुरस्कार मिला। इसी कहानी को स्थानीय दैनिक समाचार पत्र 'सच कहूँ' में प्रथम स्थान प्राप्त होने पर सम्मान मिला।तथा इससे पूर्व इसी दैनिक समाचार पत्र में इनकी कहानी 'गर्ल फ्रेंड जैसी कोई चीज' को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
               प्रदूषण' कहानी को 'डेमोक्रेटिक-वर्ल्ड' पत्रिका की 'नव सृजन' प्रतियोगिता में गौरवपूर्ण स्थान मिलने पर इन्हें पत्रिका के अंक सहित पारिश्रमिक भी प्राप्त हुआ। इसी प्रकार 'दो पाटन के बीच'और 'रोजगार' कहानी भी 'शब्द बूँद' पत्रिका में प्रकाशित होने का सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं।
            युवा कहानीकार प्रियंका ओम के अतिथि सम्पादन में प्रकाशित होने वाले 'प्रभात खबर' के अंक में 'खूँटों से बंधे लोग'कहानी का प्रकाशन अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
             'सुक्खा' और 'दलदल' व्यंग्य प्रधान कहानियाँ हैं,जिनमें समाज के सामयिक यथार्थ पर तीक्ष्ण कटाक्ष किया है। 'सुक्खा' कहानी में अपनी हैसियत से अधिक खर्च करने के मिथ्या दम्भ को रेखांकित किया किया है, बैंक व महाजन से कर्ज़ लेने, ज़मीन गिरवी रख कर और बेच कर भी ठाठ से जीने की दुष्प्रवृत्ति पर कटाक्ष किया हैं।
              'दलदल' कहानी में अपराध के दलदल में एक बार फँस जाने पर उससे निकलने को बड़ा मुश्किल बताया है,व्यक्ति अपराध की दुनिया से बाहर निकलना चाहे तब भी पुलिस के अविश्वसनीय रवैये के कारण निकलना असम्भव होजाता है। पुलिस की नकारात्मक सोच पर कटाक्ष किया है।
               आलोच्य कृति की 'कवच' कहानी बड़ी मार्मिक , प्रतीकात्मक और महाभारत की घटना पर आधारित है।इसी कहानी को केंद्र बिन्दु में रख कर लेखक ने कृति का शीर्षक 'कवच' रखा है,जो सर्वथा समीचीन है।
                   'इज़हार' कहानी में निःशब्द प्यार के महत्त्व को अंगीकार किया है,तथा 'बलिदान' में प्यार के लिए बलिदान की अपरिहार्यता को प्रतिपादित किया है। संग्रह की रोज़गार, ज़िन्दगी का अन्याय,सम्बल,बीच का रास्ता आदि कहानियाँ बहुत उत्कृष्ट एवं सन्देशप्रद हैं।
                रोचक शैली एवं सरल भाषा में रचित ये कहानियाँ संवाद-योजना ,अभिव्यक्ति कौशल,उद्देश्य, प्रयोजन, शीर्षक और समग्र प्रभाव की दृष्टि से सफ़ल व उज्ज्वल कहानियाँ हैं। लेखक दिलबाग सिंह विर्क की आगामी कृति इससे भी बेहतर और उत्कृष्ट होगी,इन्हीं शुभकामनाओं सहित,हार्दिक
साधुवाद।
समीक्षक,
ज्ञानप्रकाश 'पीयूष' ,आर.ई.एस.
पूर्व प्रिंसिपल,
1/258 मस्जिदवाली गली
तेलियान मोहल्ला, सिरसा (हरि.)
पिन-125055, मो. 94145-37902.
मो.-70155-43276
ईमेल-gppeeyush@gmail.com

2 टिप्‍पणियां:

Meena sharma ने कहा…

मैं जल्दी ही पुस्तक मँगवाकर पढूँगी। सादर।

gaurav kumar ने कहा…

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