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बुधवार, अप्रैल 27, 2016

शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने में सरकार नाकाम

शिक्षा सरकार का दायित्व है, ऐसे में अगर परीक्षा परिणाम बुरा है या प्राइवेट स्कूल मनमर्जी कर रहे हैं तो यह प्रत्यक्ष रूप से सरकार की नाकामी है । ऐसा नहीं कि सरकार इस हेतु प्रयास नहीं कर रही, लेकिन जमीनी सच्चाई को न समझते हुए बनाई गई नीतियां नाकामी का बड़ा कारण हैं । 

मंगलवार, अप्रैल 12, 2016

न संभल पाने की कथा कहता उपन्यास

उपन्यास - इक आग का दरिया है 
लेखक - गिरिराज किशोर 
प्रकाशन - भारतीय ज्ञानपीठ 
कीमत - 180 / - 
पृष्ठ - 174
फिसलने के बाद संभलना काफी मुश्किल हो जाता है, बहुधा असंभव भी | उमा के फिसलने और फिर न संभल पाने की कहानी कहता है उपन्यास " इक आग का दरिया है " |

बुधवार, अप्रैल 06, 2016

प्रयोगों की भेंट चढ़ती स्कूली शिक्षा

शिक्षा और समाज अन्योन्याश्रित होते हैं। समय के साथ-साथ समाज की ज़रूरतों में बदलाव होता रहता है। ऐसे में शिक्षा में भी परिवर्तन ज़रूरी है। विभिन्न शैक्षणिक आयोगों की स्थापना, शिक्षा नीति का निर्माण इसी उद्देश्य से किया जाता है, लेकिन यह बदलाव जितने ज़रूरी हैं, उतना ही यह भी ज़रूरी है कि बदलाव सिर्फ बदलाव के लिए न हो, क्योंकि हर पुरानी विचारधारा बुरी नहीं होती और हर नई विचारधारा उपयोगी होगी, यह भी ज़रूरी नहीं। दुर्भाग्यवश हरियाणा में शिक्षा में पिछले दो दशक से ऐसे-ऐसे बदलाव हुए हैं कि शिक्षा इन प्रयोगों की भेंट चढ़ गई है।

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