साहित्य किसी भी भाषा का हो जब उसका इतिहास लिखा जाता है तो सबसे बड़ी समस्या उसके काल विभाजन और कालों के नामकरण की होती है । हिंदी भी इससे अछूती नहीं । हिंदी में काल विभाजन का प्रथम प्रयास सर जार्ज ग्रियर्सन ने किया लेकिन उनके द्वारे दिए गए नाम अध्यायों के शीर्षक अधिक हैं । मिश्र बन्धुओं ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया , भले ही उनका काल विभाजन सही नहीं माना जा सकता ( क्योंकि हिंदी की शुरुआत दसवीं सदी से हुई मानी जाती है ऐसे में हिंदी साहित्य की शुरुआत आठवीं सदी से नहीं मानी जा सकती , यह दोष अन्य विद्वानों के काल विभाजन में भी है ) लेकिन इस दिशा में उनका कदम उठाना सराहनीय है , इसके बाद के लगभग हर साहित्येतिहासकार ने इस दिशा में काम किया ।
कुछ प्रमुख विद्वानों के मत -
1. जार्ज ग्रियर्सन -
- चारण काल ( 700-1300 ई .)
- 15 वीं शताब्दी का धार्मिक पुनर्जागरण
- जायसी का प्रेम काव्य
- ब्रज का कृष्ण काव्य
- मुगल दरबार
- तुलसीदास
- रीतिकाव्य ( 1500-1800 ई .)
- तुलसीदास के अन्य परवर्ती (1600-1700 ई .)
- अठारहवीं शताब्दी
- कम्पनी के शासन में हिन्दुस्तान
- महारानी विक्टोरिया के शासन में हिन्दुस्तान
- विविध आसक्त कवि
2. मिश्र बंधु -
1. प्रारंभिक काल -
पूर्व प्रारंभिक काल ( वि.सं. 700-1343 )
उत्तर प्रारम्भिक काल ( वि.सं. 1344-1444 )
2. माध्यमिक काल -
2. माध्यमिक काल -
पूर्व माध्यमिक काल ( वि.सं. 1445-1560 )
उत्तर माध्यमिक काल ( वि.सं. 1561-1680 )
3. अलंकृत काल -
पूर्व अलंकृत काल ( वि.सं. 1681-1790 )
उत्तर अलंकृत काल ( वि.सं 1791-1889 )
4. अज्ञात काल -
अलंकृत और परिवर्तन काल के वे कवि जिनका काल ज्ञात नहीं उन्हें अकारादि क्रम से वर्णित किया गया है । 5. परिवर्तन काल - ( वि.सं 1890-1925 )
6. वर्तमान काल -
6. वर्तमान काल -
हिंदी पत्र-पत्रिकाएँ
पूर्व हरिश्चन्द्र काल ( वि.सं 1926-1935 )
उत्तर हरिश्चन्द्र काल ( वि.सं 1936-1945 )
7. नूतन काल
7. नूतन काल
3. एफ. ई . के -
- प्राचीन चारण काव्य ( वि.सं 1150-1400 )
- प्राचीन भक्त काव्य ( वि.सं 1400-1550 )
- कबीर के उत्तराधिकारी ( वि.सं 1550-1750 )
- आधुनिक काल ( वि.सं 1800- )
4. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल -
- वीरगाथाकाल ( वि.सं 1050-1375 )
- भक्तिकाल ( वि.सं 1375-1700 )
- रीतिकाल ( वि.सं 1700-1900 )
- गद्यकाल ( वि.सं 1900-1984 )
5. हजारीप्रसाद द्विवेदी -
- आदिकाल ( वि.सं 1000-1375 )
- भक्तिकाल ( वि.सं 1375-1700 )
- रीतिकाल ( वि.सं 1700-1900 )
- आधुनिक काल ( वि.सं 1900 - )
6. डॉ. रामकुमार वर्मा -
- संधिकाल ( वि.सं 750-1000 )
- चारणकाल ( वि.सं 1000-1375 )
- भक्तिकाल ( वि.सं 1375-1700 )
- रीतिकाल ( वि.सं 1700-1900 )
- आधुनिक काल ( वि.सं 1900 - )
7. डॉ . रमाशंकर रसाल -
इन्होने आदिकाल को जय काव्य काल और रीतिकाल को कलाकाल भी कहा ।
1. बाल्यावस्था -
पूर्वार्द्ध ( वि.सं 1000-1200 )
उत्तरार्द्ध ( वि.सं 1200-1400 )
2. किशोरावस्था -
पूर्वार्द्ध ( वि.सं 1400-1600 )
उत्तरार्द्ध ( वि.सं 1600-1800 )
3. युवावस्था -
पूर्वार्द्ध ( वि.सं 1800-1900 )
उत्तरार्द्ध ( वि.सं 1900 - )
8. धीरेन्द्र वर्मा -
- प्राचीन काल ( वि.सं 1100-1500 )
- मध्य काल ( वि.सं 1500-1800 )
- आधुनिक काल ( वि.सं 1800-1900 )
9. डॉ . गणपतिचन्द्र गुप्त -
1. प्राचीन काल ( 1184-1350 ई.)
2. मध्य काल
पूर्व मध्य काल ( 1350-1600 ई.)
उत्तर मध्य काल ( 1600-1857 ई.)
3. आधुनिक काल ( 1857 ई. - )
इनके अतिरिक्त राहुल संकृत्यायन का काल विभाजन भी महत्वपूर्ण है उन्होंने हिंदी साहित्य को पांच कालों में बांटा -
- सिद्ध सामंत युग
- सूफी युग
- भक्ति युग
- दरबारी युग
- नवजागरण युग
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( मेरे नोट्स पर आधारित, सुझाव आमंत्रित )
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3 टिप्पणियां:
बहुत सटीक लिखा है .बेहतरीन
सर आपके द्वारा दी गई जानकारी बहुत ही अच्छी है इसके लिए आपको साधुवाद
सर हमे हिन्दी साहित्य के सभी बिन्दुओ का अध्ययन के लिए कुछ सामग्री प्रदान करे
Sir kya hume kal vibhajan aur namkaran ke pramukh aadharon par kuch line mil skti hai kya abhi?
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