मुझे गर्व है इस बात के लिए कि मैं भारतीय हूँ मुझे यह भी स्वीकार करते हुए शर्म नहीं आती कि भारत , जो प्राचीन काल में समृद्ध संस्कृति का स्वामी था , वर्तमान में अनेक बुराइयों से ग्रस्त हो चुका है . ये बुराइयाँ सामाजिक , राजनैतिक और धार्मिक सभी स्तरों पर हैं . एक सच्चा नागरिक होने के नाते बुराइयों का वर्णन करना , इनके निराकरण के बारे में सोचना और इन्हें दूर करने का प्रयास करना अपना कर्त्तव्य समझता हूँ क्योंकि सुंदर और समृद्ध भारत को देखना हर भारतीय की तरह मेरा भी सपना है . यूं तो कहा जाता है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता , लेकिन ये भी सच है कि एक-एक से काफिला बनता है. इसी दृष्टिकोण से मैं प्रयासरत हूँ . निश्चित रूप से आप भी होंगे . आओ मिलकर प्रयास करें . सिर्फ आलोचना के लिए आलोचना न करके सुधार के लिए आलोचना करें . विरोध योग्य हर बात का विरोध करें .शोषितों , दीन-दुखियों के लिए आवाज़ बुलंद करें और सुंदर-समृद्ध भारत की नींव रखें .
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