BE PROUD TO BE AN INDIAN

बुधवार, मई 25, 2016

देहवादी लोगों की कथा कहता कहानी-संग्रह

कहानी संग्रह - वो अजीब लड़की 
लेखिका - प्रियंका ओम 
प्रकाशक - अंजुमन प्रकाशन 
कीमत - 140 /- ( पेपरबैक )
पृष्ठ - 152
विपरीत लिंगियों में आकर्षण का होना स्वाभाविक है | प्यार का संबंध भले आत्मा से है, लेकिन देह का अपना महत्त्व है | आकर्षण की यात्रा देह से आत्मा तक सफर करती है, लेकिन अगर यह देह तक सिमटकर रह जाए तो यह मानसिक विकृति है | समाज में इस विकृत मानसिकता वाले लोगों की भरमार है | युवा लेखिका ' प्रियंका ओम ' का पहला कहानी-संग्रह " वो अजीब लड़की " उन्हीं लोगों की दास्तान कहता है, जिनकी सोच सिर्फ़ और सिर्फ़ देह तक सिमटी है | ऐसे बेबाक विषयों को चुनना बड़ी दिलेरी की बात है, क्योंकि बेबाकी और अश्लीलता में बड़ा महीन अंतर होता है | एक के लिए जो विषय बेबाक है, वही दूसरे के लिए अश्लील है | इसके विपरीत भी होता है | हालांकि साहित्य में विषय के साथ-साथ प्रस्तुतिकरण भी इसके बारे में काफी हद तक लोगों को राय बनाने में मदद करता है | ' वो अजीब लड़की ' कहानी संग्रह में 14 कहानियां हैं और कई बार वर्णन उस सीमा तक पहुंचता है, यहाँ बेबाकी और अश्लीलता दोनों में कोई भी अर्थ समझने की छूट पाठक को मिल सकती है |

सोमवार, मई 16, 2016

नए दौर के बच्चों की रूचि को समझता संग्रह

बाल कविता संग्रह - आसमान है नीला क्यों 
कवयित्री - डॉ. आरती बंसल 
प्रकाशक - प्रगतिशील प्रकाशन, नई दिल्ली 
पृष्ठ - 88 ( पेपरबैक )
कीमत - 150 / - 
" प्रत्येक देश का साहित्य वहां की जनता की चित्तवृति का प्रतिबिम्ब होता है | "- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का यह वेद वाक्य बाल साहित्य पर भी लागू होता है, यह बात डॉ. आरती बंसल के बाल कविता संग्रह ' आसमान है नीला क्यों ' को पढ़ते हुए दावे के साथ कही जा सकती है | 

बुधवार, मई 11, 2016

साहित्यकार सुधाकर का समग्र मूल्यांकन करती कृति

पुस्तक - प्रेम और सौन्दर्य के कवि कविवर सुधाकर 
संपादक द्वय - अनीता पंडित, युगल किशोर प्रसाद 
प्रकाशन - कविता कोसी 
पृष्ठ - 248 ( पेपरबैक )
कीमत - 350 / - 
किसी भी साहित्यकार के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व का समग्र मूल्यांकन न सिर्फ साहित्यकार विशेष के लिए जरूरी होता है, अपितु उस काल विशेष को समझने के लिए भी जरूरी होता है | कविवर सुधाकर के व्यक्तित्व और कृतित्व को समझने का पुनीत कार्य किया है - अनीता पंडित और युगल किशोर प्रसाद ने संपादित कृति - " प्रेम और सौन्दर्य के कवि कविवर सुधाकर " द्वारा | इस कृति को तीन भागों में बांटा गया है | प्रथम खंड कवि के व्यक्तित्व से संबंधित है | इसमें कविवर का परिचय और जीवनी दी गई है | साथ ही कवि ने अपनी प्ररेणा के बारे में लिखा है और एक संस्मरण भी दिया है | दूसरे खंड में कविवर की गद्य और पद्य रचनाएं हैं | तीसरा खंड उनका मूल्यांकन करता है | कविवर की सिर्फ पद्य पुस्तकें ही प्रकाशित हैं, इसलिए इसी पहलू का मूल्यांकन किया गया है | संपादक के रूप में और पत्रिकाओं में प्रकाशित आलेख आलोचना का विषय नहीं हैं ।

बुधवार, मई 04, 2016

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी

हालांकि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा जारी की टॉप टेन की सूची में सरकारी स्कूलों का दबदबा रहा, फिर भी यह तो स्वीकार करना ही होगा कि प्राइवेट स्कूल परिणाम की दृष्टि से सरकारी स्कूलों से बेहतर हैं । परिणाम और अन्य गतिविधियों में इनकी भूमिका, यहाँ प्राइवेट स्कूलों के सकारात्मक पहलू हैं, वहीं इनके अनेक नकारात्मक पहलू भी हैं, जो अभिभावकों को परेशान करते हैं - 

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...