BE PROUD TO BE AN INDIAN

बुधवार, जनवरी 27, 2016

सामर्थ्यवान लोगों की बेशर्म चुप्पी को समर्पित पुस्तक

साहित्य की हर विधा पर समान रूप से पकड़ रखने वाले दिलबाग जी की यह पुस्तक छंदमुक्त है जहाँ बिना किसी बहर में बँधे उनकी सोच ने उन्मुक्त उड़ान भरी है| समाज की जिस किसी भी विसंगति ने उन्हें आहत किया वहाँ उनकी धारदार कलम चली जो पाठकों को भी सोचने पर निश्चय ही मजबूर करेगी | 

मंगलवार, जनवरी 19, 2016

लौकिक प्रेम में अध्यात्म की बात करती कविताएँ

कविता संग्रह - ज़र्रे-ज़र्रे में वो है 
कवयित्री - आशा पाण्डेय ओझा 
प्रकाशक - अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद 
पृष्ठ - 112 ( पेपरबैक )
कीमत - 20 /- ( साहित्य सुलभ संस्करण के अंतर्गत )
बिना प्रेम के जीवन सूना है । प्रेम लौकिक भी हो सकता है और आध्यात्मिक भी । कभी-कभी लौकिक प्रेम में आध्यात्मिक प्रेम की झलक होती है । आशा पाण्डेय ओझा का कविता-संग्रह ' ज़र्रे ज़र्रे में वो है ' लौकिक और आध्यात्मिक प्रेम का संगम है । कवयित्री अपने प्रियतम को ज़र्रे ज़र्रे में देखती है । 

बुधवार, जनवरी 06, 2016

जीवन का सजीव चित्रण करती कहानियाँ

कहानी संग्रह - एक सच यह भी 
लेखिका - डॉ. शील कौशिक 
प्रकाशन - पूनम प्रकाशन, दिल्ली 
कीमत - 150 / -
पृष्ठ - 112 ( सजिल्द )
“ एक सच यह भी ” डॉ. शील कौशिक जी दूसरा कहानी संग्रह है, यह संग्रह 2008 में प्रकाशित हुआ | इस संग्रह में सत्रह कहानियाँ हैं, जो वास्तव में जीवन को देखने के सत्रह झरोखे हैं | लेखिका ने इन झरोखों से आस-पडौस के जीवन और समाज को देखा है | रोजमर्रा की घटनाओं और हर नुक्कड़ पर मिलने वाले पात्रों को कहानियों के कथानक बनाने में डॉ. शील कौशिक जी सिद्धहस्त हैं | जीवन में बुरे और अच्छे लोग सबको मिलते हैं | कोई कहानीकार किस पहलू को चुनता है, यह उसका खुद का नजरिया होता है | डॉ. शील कौशिक जी आशावादी दृष्टिकोण अपनाती हैं | हालांकि जीवन के उजले पक्ष का चित्रण करते हुए कुरूप पक्ष की झलकियाँ भी दिखाई गई हैं, लेकिन लेखिका का झुकाव आदर्श की तरफ ही है । 

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