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बुधवार, मई 30, 2012

खट्टी-मीठी फेसबुक

इन्टरनेट ने आज अपनी पहुंच आम आदमी तक बना ली है | विकसित देशों में तो यह पहले ही काफी प्रचलित था , अब भारत जैसे विकासशील देशों में भी इसका प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है | इन्टरनेट प्रयोग करने वाले देशों में भारत अमेरिका , चीन के बाद तीसरे नम्बर पर है |


इन्टरनेट का क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है | सब लोग अलग-अलग तरह से इसका प्रयोग करते हैं लेकिन इन्टरनेट का एक रूप ऐसा है जिसका प्रयोग लगभग वे सभी लोग करते हैं जो इन्टरनेट का प्रयोग कर रहे हैं | इन्टरनेट का यह रूप है - फेसबुक | मोबाइल पर इन्टरनेट का प्रयोग कर रही युवा पीढ़ी में अधिकाँश के लिए फेसबुक इन्टरनेट का पर्याय ही है क्योंकि वे इसके सिवा इन्टरनेट का प्रयोग करते ही नहीं | आंकड़े भी इस बात का गवाह हैं कि फेसबुक बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है | सोशल बेकर डोट कॉम के अनुसार भारत में करीब 4 करोड़ 34 लाख लोगों के प्रोफाइल फेसबुक पर हैं | अमेरिका के बाद यह संख्या दूसरे नम्बर पर है | अमेरिका में 15 करोड़ 56 लाख लोग फेसबुक पर हैं | इन दो देशों के बाद इंडोनेशिया में 4.30 करोड़ लोग , ब्राजील में 3 करोड़ लोग , मेक्सिको में 3.20 करोड़ लोग फेसबुक का प्रयोग करते हैं | आबादी की दृष्टि से अभी भारत काफी पीछे है | अमेरिका में यहाँ लगभग 50 % लोग फेसबुक का प्रयोग कर रहे हैं वहीं भारत में यह आंकड़ा सिर्फ 3.78 % ही है | भारत में इन्टरनेट और फेसबुक का चलन महानगरों और बड़े शहरों में ही अधिक है | मुम्बई इनमें सबसे आगे है | मुंबई में 36 लाख लोग फेसबुक का प्रयोग कर रहे हैं और फेसबुक का प्रयोग करने वाले शहरों में यह विश्व स्तर पर 18 वें स्थान का शहर है | दिल्ली में 16 लाख लोग फेसबुक पर हैं और इसकी वैश्विक रैंकिंग 36 है  | इन दो महानगरों के अतिरिक्त बैंगलुरू में 15.26 लाख लोग, चेन्नई में 12 लाख लोग , हैदराबाद में 11.80 लाख लोग फेसबुक का प्रयोग कर रहे हैं |  
फेसबुक एक सोशल नेटवर्किंग बेवसाईट है | इसकी शुरुआत दोस्तों के बीच वार्तालाप के उद्देश्य से ही हुई थी | आज करोड़ों लोग इससे जुड़ चुके हैं | लोगों के इस साईट पर हजारों की संख्या में दोस्त हैं | सभी लोग अपने विचार , अपनी रचनाएं , अपने पसंदीदा गीत , पसंदीदा तस्वीरें , पसंदीदा वीडियो अपने ब्लॉग-बेवसाईट के लिंक दोस्तों के साथ शेयर करते हैं | दोस्तों द्वारा शेयर की गई बातों में हिस्सेदारी करते हैं | मित्रों के साथ चैटिंग करते हैं , जो गुप्त रहती है | फेसबुक पर वीडियो चैटिंग की सुविधा भी उपलब्ध हो गई है , इस प्रकार आप सैंकड़ों , हजारों किलोमीटर दूर बैठे लोगों को न सिर्फ दोस्त बना सकते हैं अपितु लगातार उनके सम्पर्क में भी रह सकते हैं |
इन्टरनेट दोधारी तलवार की तरह है | इन्टरनेट के यहाँ अनेक लाभ हैं , वहीं अनेक कमियाँ भी हैं | फेसबुक भी इससे अछूता नहीं | फेसबुक के दुष्परिणाम आज प्रतिदिन समाचार पत्रों की सुर्खियाँ बन रहे हैं | वैवाहिक सम्बन्धों में विखराव , आत्महत्या जैसे कई दुष्परिणाम समाज के सामने हैं | जब देश के राज्य की विधायिका ( असम की विधायिका रूमीनाथ ) दो वर्षीय बच्चे की माँ होने के वाबजूद फेसबुक के जरिए प्रेम में पड़कर बंगलादेश भाग सकती है तब आम जन से उम्मीद ही क्या की जा सकती है | युवा पीढ़ी तो इसकी नशे की तरह आदी होकर मंजिल से भटक रही है | वैसे इन सबमें फेसबुक के साथ-साथ आदमी खुद भी दोषी हैं | बच्चे के हाथ में हथियार देना जिस प्रकार घातक है ठीक उसी तरह से नासमझ और शरारती तत्वों के हाथ में फेसबुक का आना हानिकारक है  | दुर्भाग्यवश फेसबुक पर नासमझ और शरारती प्रवृति के लोगों की भरमार है | शरारती तत्व फर्जी अकाउंट बनाते हैं , विशेषकर लडकियों के नाम से ताकि उनके ज्यादा से ज्यादा दोस्त बन सकें और फिर अश्लील चित्र और वीडियो अपलोड करके इस साईट को गंदा करने की भरपूर कोशिश करते हैं | सामाजिक चरित्रों , राजनैतिक व्यक्तियों , धार्मिक गुरुओं के आपतिजनक चित्र और कार्टून प्रदर्शित कर समाज में जहर घोलने की साजिश भी निरंतर चलती रहती है | बहुत से लोग अपनी वैवाहिक स्थिति और वास्तविक आयु प्रदर्शित नहीं करते जिससे कुछ नासमझ लोग उनके जाल में फंसते है | धोखे से उत्पन्न हुए इस प्रेम के नाम पर फिर भारत जैसे सामाजिक देश में अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं | 
इन बुराइयों के रहते भी फेसबुक के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता | यदि इसका सही प्रयोग किया जाए तो जनजागृति पैदा करने , देश हित के मुद्दों को आन्दोलन का रूप देने में यह अहम भूमिका निभा सकता है | बहुत से लोग इस क्षेत्र में सक्रिय भी हैं | स्थानीय , राष्ट्रिय, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों को फेसबुक पर डाला जाता है और यहाँ पर स्वस्थ बहस होती है | इसके अतिरिक्त एक ही रूचि और क्षेत्र के लोग आपसी विचार विमर्श द्वारा खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं |
फेसबुक हमारा आइना है | फेसबुक कैसी है यह हम पर निर्भर करता है  | फेसबुक को अच्छा बनाने के लिए जरूरी है कि आप ईमानदारी के साथ इस साईट पर उपस्थित हों | यदि आप अपनी किसी जानकारी को छुपाकर उसका गलत प्रयोग करते हैं तो निश्चित है कि आप अपने लिए, दूसरों के लिए और समाज के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं | अपनी सोच को विकसित करना भी अत्यंत जरूरी है | निस्संदेह समाज बदल रहा है | भारत  दकियानूस नहीं है | प्रेम सम्बन्धों की स्वीकृति आम है | लेकिन इसके लिए सोच का पाक-साफ़ होना अत्यंत जरूरी है | जब आप अपनी वैवाहिक स्थिति और उम्र छुपाकर फ्लर्ट करते हैं तब उसका नुक्सान भुगतना ही पड़ता है और वह नुक्सान आत्महत्या भी हो सकता, रूमीनाथ के मामले जैसा भगोड़ापन भी हो सकता है और तलाक भी हो सकता है | फेसबुक पर रहते हुए जिम्मेदार होना भी अत्यावश्यक है | आपकी हर बात हजारों लोगों के सामने जाती है | मजाक के रूप में आप ऐसा कार्टून या चित्र नहीं डाल सकते जो किसी के व्यक्तित्व को कलंकित करे, किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए |
संक्षेप में कहें तो फेसबुक का प्रयोग अत्यंत सावधानी और सजगता के साथ किया जाना चाहिए | लोगों को जोड़ने के लिए बना मंच समाज को तोड़ने का काम न करे इसकी जिम्मेदारी हर खाताधारक की है | इसके लिए जाली खाताधारकों पर शिकंजा कसा जाना भी अत्यंत जरूरी है | जितने फर्जी खाते बंद किए जाएंगे यह साईट उतनी ही कारगर बन पड़ेगी |
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3 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

सटीक आलेख

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सार्थक लेख !

सदा ने कहा…

बहुत सही

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