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बुधवार, फ़रवरी 22, 2012

अतिथि कब जाओगे ?

जी नहीं, मैं फिल्म की बात नहीं कर रहा अपितु बात कर रहा हूँ उस ड्रामे की जो हरियाणा में चल रहा है । फिल्म में अतिथि आखिर में वापिस चला जाता है लेकिन हरियाणा के  अतिथि  कोर्ट के बार-बार कहने पर भी नहीं जा रहे । अब ताजा फैसला आया है माननीय सुप्रीम कोर्ट का । सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार  अतिथि अध्यापकों के दवाब में काम कर रही है । यह बात ही बताती है कि सरकार की कार्यशैली कैसी है ।

                    अनियमित भर्ती का सदैव विरोध होना चाहिए । हरियाणा में अलग परिस्थितियों में ये भर्ती हुई । परीक्षा के दिन नजदीक थे । मात्र तीन माह के लिए गाँव स्तर पर भर्ती की गई , लेकिन बाद में सरकार ने अपनी ही बात से पलटते हुए इन्हें लगातार कार्य करवाना जारी रखा । जब भी योग्य उमीदवारों ने मांग उठाई और इनको निकालने की बात हुई ये धरने-प्रदर्शन पर उतरे । सरकार झुकी । क्या मात्र हो-हल्ला मचाने से नियमों में परिवर्तन सही है ? अगर ऐसा ही हुआ तो कोई नियम कैसे स्थिर रह सकता है , लेकिन वोटों की राजनीति करने वाले राजनैतिक दल अक्सर खुद बनाए नियमों की धज्जियां उडा देते हैं । सौभाग्य से देश की न्यायपालिका कुछ कदम उठाती है ।
                            हरियाणा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कितनी कद्र होती है, यह आने वाला समय ही बताएगा । वैसे हाई कोर्ट के फैसले की धज्जियाँ कई बार उड़ चुकी हैं । हरियाणा सरकार इस बार भी शपथ-पत्र दायर करके आई थी कि स्थायी भर्ती कर ली जाएगी और सत्र के बाद  अतिथिअध्यापक हटा दिए जाएंगे लेकिन स्थायी भर्ती की प्रक्रिया शुरू होनी तो दूर अभी तक आवेदन भी नहीं मांगे गए जो स्पष्ट संकेत है कि सरकार अगले सत्र में भी इन्हीं अध्यापकों से काम चलाना चाहती है । यह उन योग्य  अध्यापकों  से अन्याय है जिनकी पात्रता का प्रमाण-पत्र बिना मौका मिले जल्द ही एक्सपायर होने वाला है । पात्र दुहाई दे रहे हैं अतिथि कब जाओगे लेकिन सरकार पता नहीं किस मोह में ग्रस्त है जो बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए अतिथियों को गले लगाए हुए है ।


* * * * *         

4 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सरकार अपने वोट बैंक के मोह से ग्रसित लगती है ...

Asha Lata Saxena ने कहा…

अच्छा लेख है |
उन्दा कटाक्ष |
आशा

Ragini ने कहा…

सरकार की नीतियों और नीयत पर तीव्र कटाक्ष!..

prerna argal ने कहा…

sarkaar sirf apnaa swarth dekh rahi hai.use logon ki pareshaniyon se koi matlab nahin hai .bahut badhaai aur thanks aapka ki aapne ye probelam hum sabko bataai.
आप का बहुत बहुत धन्यवाद की आप मेरे ब्लॉग पर पधारे और इतने अच्छे सन्देश दिए /आपका आशीर्वाद मेरी रचनाओं को हमेशा इसी तरह मिलता रहे यही कामना है /मेरी नई पोस्ट आपकी टिप्पड़ी के इन्तजार में हैं/ जरुर पधारिये /लिंक है /
http://prernaargal.blogspot.in/2012/02/happy-holi.html
मैंने एक और कोशिश की है /अगर आपको पसंद आये तो उत्साह के लिए अपने सन्देश जरुर दीजिये /लिंक है
http://www.prernaargal.blogspot.in/2012/02/aaj-jaane-ki-zid-na-karo-sung-by-prerna.html

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